भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसकी औसत जीडीपी वृद्धि दर 6.2 से अधिक है।
वहीं हम दुनिया में CO2 का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है।
स्वच्छ ऊर्जा क्रांति की दिशा में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
‘मिशन इनोवेशन’ के तहत भारत के साथ दुनिया के बाकी देश भी स्वच्छ ऊर्जा को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं।
झारखंड भी नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने को लेकर गंभीर है।
राज्य में ऊर्जा जरूरतों के लिए कोल और थर्मल पावर के अलावा अब सोलर एनर्जी, हाइड्रोजन एनर्जी महत्त्वपूर्ण स्रोत साबित होंगे।
रांची में सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन विजन डॉक्यूमेंट के लोकार्पण पर राज्य में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट को रोकने के लिये विजन 2070 के नेट-जीरो लक्ष्यों पर मंथन हुआ।
विजन 2070 के लक्ष्यों को प्राप्त करने करने के लिए टास्क फोर्स’ गठित करने वाला यह पहला राज्य है।
झारखंड देश का पहला राज्य है जिसने सस्टेनेबल ट्रांजिशन पर ‘विजन डॉक्यूमेंट’ प्रस्तुत करने वाला पहला राज्य भी झारखंड बन चूका है।
क्लाइमेट गवर्नेंस की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करके टास्क फोर्स के माध्यम से क्लाइमेट चेंज से संबंधित लक्ष्यों और ग्रीन इकोनॉमी पर ठोस कदम उठाये जा सकते हैं।
यह डॉक्यूमेंट व्यापक विजन के साथ कार्बन-न्यूट्रल और जलवायु अनुकूल अर्थव्यवस्था की दिशा में बेहतर परिणाम और कन्वर्जेंस एप्रोच देने वाला भी साबित होगा।
ट्रांजिशन रोडमैप आठ क्षेत्रों पर केंद्रित है :
लाइवलीहुड ट्रांजिशन, एनर्जी ट्रांजिशन, डीकार्बोनाइजेशन पाथवे, कोल ट्रांजिशन, सस्टेनेबल मोबिलिटी ट्रांजिशन, ग्रीन हाइड्रोजन, निवेश –वित्त और संस्थागत परिवर्तन शामिल है।
राज्य सरकारों के लिए विजन 2070 के लक्ष्यों (सस्टनेबल ट्रांजीशन) को टास्क फोर्स के जरिये पूरा करना चुनौती भी है।
जीवाश्म ईंधन आधारित राज्य के कई शहरों के आर्थिक ढांचा को बिना चोट पहुँचाये नए बदलावों के अनुरूप तैयार करना फ़ोर्स के सामने बड़ी चुनौती होगी।
इस पर पुरे देश की नजर होगी
इसके कार्यों से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे जीवाश्म संसाधन से समृद्ध राज्य रोडमैप और मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
जस्ट ट्रांजिशन झारखण्ड बैठक के जरिये सरकार ने ग्रीन इकोनॉमी, क्लाइमेट गवर्नेंस की ओर कदम बढ़ाया है।