गुमला डुमरी : डुमरी में प्रकृति की गोद में बसा प्राचीन टांगीनाथ धाम में महाशिव रात्रि के अवसर पर उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़। झारखंड राज्य के अलावा दूसरे प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लाखों श्रद्धालु। श्रद्धालुओं की भीड़ से मुख्य पूजा स्थल तक पहुंचने के लिए घंटो लगा लाइन। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है इस दिन लोग उपवास करते हैं। मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होता है। माघ फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरंभ अग्निलिंग के उदय से हुआ। महाशिवरात्रि शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक है फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिव जी ने वैराग्य का त्याग कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया, और माता पार्वती से विवाह किया इसी कारण हर वर्ष शिव – गौरी के विवाह के विवाह उत्सव के रूप में महाशिवरात्रि का आयोजन किया जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर प्राचीन टांगीनाथ धाम को विशेष रूप से आकर्षक रूप सजाया गया और लाखों श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई थी। स्थानीय प्रशासन विधि व्यवस्था के लिए मुस्तैद रही।








