अब आईआरबी जवानों के हाथों में नक्सल विरोधी अभियान की कमान होगी। झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सल अभियान में सीआरपीएफ की जगह आईआरबी के जवानों को तैनात किया जाएगा। आईआरबी के जवानों की तैनाती बिहार से सटे पलामू के इलाके में की जाएगी। इस संबंध में झारखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है। दो दशक के बाद बिहार सीमा पर सीआरपीएफ की जगह आईआरबी नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व करेगी।पलामू में सीआरपीएफ 134 बटालियन की सात कंपनियां तैनात थीं। इसके अलावा पलामू, चतरा और लातेहार सीमा पर तैनात थी, इनमें बिहार सीमा पर दो स्थानों को छोड़ दिया जाए तो सभी जगह सीआरपीएफ की कंपनियों को हटा दिया गया है।
पलामू में जल्द होगी तैनाती
आईआरबी की टुकड़ी जल्द ही पलामू में तैनात होगी।पलामू के लेस्लीगंज में आईआरबी और जैप का मुख्यालय है। पलामू में सीआरपीएफ के 134 बटालियन को क्लोज किया जा रहा है। पलामू से सीआरपीएफ 134 बटालियन को सारंडा के इलाके में शिफ्ट किया जा रहा है। बता दें कि 1995-96 में पहली बार नक्सल विरोधी अभियान के लिए पलामू में सीआरपीएफ की दो कंपनी पहुंची थी। वर्ष 2003-04 में पहली बार पूरी बटालियन की तैनाती की गई थी। उस समय 13वीं बटालियन को तैनात किया गया था। वर्ष 2010-11 में सीआरपीएफ की 134वीं बटालियन को तैनात किया गया था।
नक्सली के खात्मे के कगार पर है झारखंड
नक्सलियों के विरुद्ध चलाए जा रहे लगातार अलग अलग तरह के मुहिम के बाद आज नक्सल लगभग झारखंड की सरजमीं से खत्म होने को है, जिसमे सीआरपीएफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, सीआरपीएफ ने स्टेट पुलिस के विभिन्न अंगों के साथ मिलकर झारखंड राज्य से नक्सलियों के दबदबे को काफी कम कर दिया है जिससे नक्सलियों की कमर टूट चुकी है, आज नक्सली या तो मारे जा रहे है या आत्म समर्पण कर रहे है और समाज के मुख्यधारा से जुड़ रहे है. ऐसे में सीआरपीएफ की बटालियन को हटाकर आईआरबी को लाया जा रहा क्योंकि अब शायद इतने बड़े आभियान की जरूरत न हो जिसमे सीआरपीएफ की जरूरत पड़े..!