उर्स को लेकर पुलिस प्रशासन एवम बिजली विभाग के साथ की गई बैठक।
पीपीआर लाइव इंडिया के समीर हेजाज़ी की रिपोर्ट
रांची डोरंडा स्थित हज़रत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा रहमातुल्लाह अलैहे का पांच दिवसीय सालाना उर्स पांच अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है जो 9 अक्टूबर तक चलेगा।उर्स के मुख्य संरक्षक बतौर मुख्य अतिथि झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपस्थित रहेंगे। उर्स मे मुंबई से आए मशहूर कव्वाल मजीद शोला और अज़ीम नाजा के बीच महामुकाबला का भी आयोजन किया जाएगा। कव्वाली के महा मुकाबला का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथो किया जायेगा।
उर्स को लेकर पुलिस प्रशासन एवम बिजली विभाग के साथ की गई बैठक।
बाबा के उर्स को लेकर मंगलवार को एडीएम लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में रांची प्रशासन ने हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा डोरंडा मे होने वाले 216 में उर्स की तैयारीयों का जायज़ा लिया । जायरीनों की सहूलियत के लिए व्यवस्था एवं साफ सफाई , सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा , चलंत शौचालय, ट्रैफिक कंट्रोल ये सारी व्यवस्थाएं प्रशासन की ओर से की जाती रही है, मौके पर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर ने कहा की इस वर्ष भी प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग मिलेगा। बैठक मे प्रशासन की टीम में उप निगम प्रशासक ,ओवर ब्रिज निर्माण के इंजीनियर एवं ठेकेदार , विद्युत विभाग के एसडीओ ,जेई, कर्मचारी,डोरंडा थाना के प्रभारी , नगर निगम के सुपरवाइजर एवं जोनल मैनेजर एवं अन्य सरकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे। मजार शरीफ के अध्यक्ष अयूब गद्दी एवं सचिव मोहम्मद जावेद अनवर ने उर्स की तैयारी के विषय पर प्रशासन से पूर्ण सहयोग की मांग किया।उपाध्यक्ष रिजवान हुसैन एवं बिलाल अहमद , संयुक्त सचिव मोहम्मद सादिक एवं जुल्फिकार अली भुट्टो, कोषाध्यक्ष जैनुल आबेदीन (राजा),विनय सिंन्हा दीपू की प्रशासन को विशेष धन्यवाद दिया। मौके पर मुमताज गद्दी ,अनीश गद्दी प्रोफेसर जावेद अहमद खान , आफताब गद्दी ,आसिफ नईम, मो खालिक,और दरगाह कमेटी के अन्य कार्यकारिणी सदस्यों ने मिलकर प्रशासन के साथ चादरपोशी की और बाबा से दुआ किया कि उर्स मेला ऐतिहासिक और कामयाब हो ।
रिसालदार शाह बाबा का इतिहास
हज़रत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह रहमातुल्ला अलैहे केरल के अंग्रेज रेजमेंट के साथ बी.एम.पी (जिसे उस काल में किसी और नाम से जाना जाता होगा जो आगे चलकर बीएमपी और आज जैप के नाम से जाना जाता है) रांची आए थे। फौज में हाथी और घोड़ों की टुकड़ी भी साथ आई थी। फ़ौज मे बाबा रिसालदार के पद पर कार्यरत थे। रिसालदार (घुड़सवार सेना का अधिकारी) को कहते है। हजरत कुतुबुद्दीन शाह रहमातुल्ला अलैहे अपने बटालियन मे रिसालदार के नाम से प्रचलित थे। बाबा अपनी ड्यूटी के साथ ही साथ अल्लाह की इबादत कसरत से किया करते थे। बाबा की इबादत की जगह जैप 1 स्तिथ जामा मस्जिद और आज जहा बाबा की मजार है उस जगह एक नीम/पीपल का पेड़ हुआ करता था जिसके नीचे बाबा अक्सर बैठ कर इबादत किया करते थे। बाबा के पास जो भी अपनी परेशानी लेकर आते उनकी परेशानी दिक्कत बाबा की दुवा से दूर हो जाती थी। धीरे धीरे बाबा की दुवा से चमत्कार होने लगा। बाबा लोगो के बीच काफी प्रचलित हो गए। बाबा के परदा के बाद बाबा के चाहने वालो ने उनकी मजार उसी जगह पर बनाई जहा बाबा अक्सर बैठ कर इबादत किया करते थे।उसके बाद से ही सन 1808ई से बाबा का उर्स शुरू हुआ जो आज भी बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। बाबा के मजार शरीफ के आस पास उनके खादिमों का भी मजार मौजूद है वही मजार के मुख्य द्वार के सामने मैदान मे बाबा के साथ रहने वाला घोड़ा,हाथी एवम बिल्ली का भी मजार मौजूद है।
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5 से 9 अक्टूबर तक उर्स का शेड्यूल।
5 अक्टूबर-
गुसुल (फजर की नमाज़ के बाद)
परचम कुसाई(सुबह 9 बजे)
सदर अय्यूब गद्दी के घर से सरकारी चादर और कव्वाली (स्थानीय कव्वाल) दोपहर 2 बजे निकल कर गस्त करते हुए मजार पहुंचेगी।उसके बाद बाबा के मजार पर संदल पेश किया जाएगा एवम चादर पोसी की जाएगी।
6 अक्टूबर-
रात 9 बजे से स्टेज पर ओलमाए कराम का जलसा और लोकल कव्वाल की कव्वाली।
7 अक्टूबर –
मजार में खनकाही कव्वाली।
8 अक्टूबर-
सुबह 9 बजे जैप 1 की चादर पोसी और सलामी
दोपहर 2 बजे मजार कमिटी के सचिव जावेद अनवर के घर मुंबई से आए कव्वाल मजीद शोला और अज़ीम नाजा की कव्वाली और बाबा के मजार पर चादर पोसी के लिए डोरंडा गस्त करते हुए मजार पहुंचेगी।
रात 9 बजे सीएम हेमंत सोरेन चादर पोसी और मंच पर कव्वाली के महा मुकाबला का उद्घाटन करेंगे जिसमे जायरीन मुंबई के मशहूर कव्वाल मजीद शोला और अजीम नाजा के बीच महा मुकाबला का आनंद उठाएंगे।
9 अक्टूबर-
सुबह से मजार पर फातिहा खानी रात 9 बजे कुल शरीफ के साथ उर्स का समापन।
उर्स के सफल आयोजन में इनकी है महत्वपूर्ण भूमिका
उर्स के सफल आयोजन करने में मजार शरीफ कमिटी के अध्यक्ष अयूब गद्दी, सचिव जावेद अनवर, उपाध्यक्ष रिजवान हुसैन, बेलाल अहमद, संयुक्त सचिव जुल्फेकार अली भुट्टो, मो सादिक, कोषाध्यक्ष जैनुल आबेदीन ( राजा), अनीस गद्दी, बबलू पंडित, वार्ड 45 के निवर्तमान पार्षद पप्पू गद्दी,वार्ड 44 के निवर्तमान पार्षद फिरोज आलम (मुन्ना),इकबाल राईन, नज्जू अंसारी,जावेद गद्दी, संपा गद्दी, आसिफ नईम, सरफराज कुरैशी, साहीन, समीर हेजाज़ी, मो शाहिद खान,मो तस्लीम, अरशद,एजाज़ गद्दी, आफताब गद्दी, नासिर गद्दी, जुनैद गद्दी, पन्ना, इरफान गद्दी, कलीम गद्दी, मो खालिक आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।