सीएम आवास में 20 जनवरी को ईडी की पूछताछ के दिन सड़क जाम करने के मामले में वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी कांके अंचल के सी ओ के बयान पर तीन अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गईं हैं। एक प्राथमिकी सीआरपीएफ के जवानों, उनके आइजी आदि पर हुई है, जिसमें गैरजमानतीय धारा लगा है।शेष दो प्राथमिकियों में एक झामुमो के सैकड़ों कार्यकर्ताओं व दूसरी भीम आर्मी के पदाधिकारियों पर दर्ज प्राथमिकी शामिल हैं।इन दोनों प्राथमिकियों में गैर जमानतीय धारा नहीं लगा है। सीआरपीएफ के जवानों व उनके पदाधिकारियों पर दर्ज प्राथमिकी में यह जिक्र है कि सीआरपीएफ के जवान गैर कानूनी तरीके से सीएम आवास में प्रवेश करना चाहते थे।
सीआरपीएफ पर हुए एफआईआर पर भड़के बाबूलाल मरांडी
केंद्रीय एजेंसी और केंद्रीय सुरक्षा बलों को डराने के लिए पुलिसिया ताकत का दुरुपयोग का प्रयास हेमंत सोरन को भारी पड़ेगा – बाबूलाल मरांडी
सीएम आवास से सटे एलपीएन शाह देव चौक पर जहॉं धारा 144 लगा हुआ था वहां मुख्यमंत्री बड़ी बेशर्मी से अपने अधिकारियों के साथ क़ानून की धज्जी उड़ा रहे थे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 20 जनवरी को जस्टिस एलपीएन शाह देव चौक पर मुख्यमंत्री के भाषण देने का वीडियो जारी कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।श्री मरांडी ने कहा कि 20 जनवरी की रात सीएम आवास से सटे एलपीएन शाह देव चौक पर जहॉं धारा 144 लगा हुआ था वहां मुख्यमंत्री बड़ी बेशर्मी से अपने अधिकारियों के साथ क़ानून की धज्जी उड़ा रहे थे।
मरांडी ने कहा कि ईडी अधिकारियों की सुरक्षा एवं उन्हें भाड़े पर लाये गये तीर-धनुष से लैश लोगों से बचाने के लिये आये सीआरपीएफ अफ़सरों-जवानों पर निषेधाज्ञा उल्लंघन का मुक़दमा करने वाली राँची पुलिस अगर क़ानून सम्मत काम करती है तो पहले मुख्यमंत्री और उनके भाड़े के टट्टूओं के साथ ही वहाँ मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अफ़सरों पर मुक़दमा करे।
श्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चेताते हुए कहा कि केन्द्रीय एजेंसी और केन्द्रीय सुरक्षा बलों को डराने के लिये पुलिसिया ताक़त के दुरूपयोग का प्रयास उनको भारी पड़ेगा। लिखकर रख लीजिए।