छोटानागपुर संस्कृतिक संघ द्वारा बाल विवाह के विरुद्ध में जागरूकता अभियान चलाया।
Asgar Ejaj
भरनो :- प्रखंड के तुरियंबा पंचायत के तुरियंबा गांव में छोटानागपुर संस्कृतिक संघ द्वारा लड़कियों की स्थिति और पारिवारिक चुनौतियों पर वाद विवाद, संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन .श्री कंचन प्रजापति, थाना प्रभारी, भरनो ने अपने विचारों से किया।
आगे शांति सावैयां कार्यक्रम समन्वयक ने कहा कि आज की परिचर्चा हम इसलिए करना चाहते हैं क्योंकि वर्तमान में विवाह जैसी परम्परा में शोषण, बहिष्कार, विवाद एवं मजबूरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। इससे हम सब सहमत या असहमत हो सकते हैं। आज की चर्चा इसी पर आधारित है।किशोर -किशोरीयों ने कहा कि समाज या अभिभावक या बच्चे सीधे-सीधे दोषी नहीं हैं, इसके लिए हम सब और परिस्थिति जिम्मेवार है।
किशोर सिट्टू लोहारा ने कहा ” जब किशोर -किशोरी कम उम्र में संबंध बनाते हैं तो अगुवा या समाज उनका मार्गदर्शन नहीं करते, बल्कि जब यह भयानक या बड़ा रुप ले लेता है तो दंडस्वरूप उनकी जबरन शादी करा दी जाती है। किशोरी सतमी कुमारी ने कहा कि हर जगह बाल विवाह के लिए समाज या परिवार दोषी नहीं होता है। हम किशोर -किशोरी भी दोषी होते हैं।
इस अवसर पर प्रखंड प्रमुख पारस नाथ उराव,श्रीमती बिनिता एक्का मुखिया तुरियंबा पंचायत, श्री सुकेश उरांव पंचायत मारासिली, श्रीमती मंजू देवी, मुखिया उत्तरी भरनो पंचायत, उप मुखिया लल्कू उरांव तुरियंबा पंचायत मुख्य रुप से उपस्थित थे। । इस अवसर पर थाना प्रभारी श्री कंचन प्रजापति ने कहा कि पुलिस प्रशासन आपके कार्यों की सराहना करती है। इस तरह के आयोजन हर पंचायत में किए जाने चाहिए। साथ ही प्रखंड प्रमुख श्री पारसनाथ उरांव ने कहा कि बाल विवाह न करें अपने शिक्षा को महत्व दें। शादी से पहले संबंध न बनाएं।
कार्यक्रम के अंत में शांति सावैयां ने कहा कि
महिलाओं के लिए बच्चों की देख-रेख, शिक्षा एवं सुरक्षा एक बडी चुनौती बन जाती है ऐसे में बच्चों के अधिकारों का हनन उनके ही अभिभावकों के द्वारा होता है | समाज में किशोर -किशोरी, अभिभावक, अगुवा और शिक्षक हर किसी का समान अधिकार है परन्तु हम इस बात का ध्यान रखें कि किसी के अधिकारों का हनन न हो। बच्चे अभिभावकों एवं अगुवों का सम्मान करें। अभिभावक एवं अगुवा भी बच्चों का सम्मान करें। तभी एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज की स्थापना हो सकती है। हम सब मिलकर भरनो प्रखंड से बाल विवाह को खत्म करने के लिए एकजुट हो, मिलकर काम करें। सबको समान अधिकार प्राप्त हो।
कार्यक्रम का संचालन शांति संवैया एवं धन्यवाद ज्ञापन नैंसी जर्मिना तिर्की ने किया | इस अवसर पर पैरो कुमारी, रौशनी मिंज, सुमति उरांव, अर्चना आइंद तथा परसा-चेटो, कुसुम्बा तथा खटको के अगुवा तथा सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित हुए |
अतिथियों का स्वागत अर्चना आइंद ने गमछा ओढ़ाकर किया।
अंत में परिचर्चा का समापन बाल विवाह न करने और इसका समर्थन न करने की सामुहिक रूप से शपथ ग्रहण द्वारा किया गया।