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Monday, December 23, 2024
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जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में मनाया गया ग्रैंडपेरेंट्स डे

Report : Md. Shahid Khan

Ranchi : परिवार के बुजुर्गों के महत्त्व को समझने, समाज और परिवार में उनके अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित करने और उनसे जुड़े पारिवारिक मूल्यों को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद सभागार में कक्षा एल के जी के नन्हें – मुन्हों द्वारा ग्रैंडपेरेंट्स डे उत्साहपूर्वक मनाया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ विशिष्ठ अतिथि विद्यालय प्रबंधन समिति के पूर्व उपाध्यक्ष श्री संजीव कुमार, और सुनील कुमार वर्मा, वर्तमान उपाध्यक्ष श्री संदीप सिन्हा, प्राचार्य श्री समरजीत जाना के करकमलों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ।

इस विशेष अवसर पर नौनिहालों ने अपने दादा-दादी और नाना-नानी के प्रति अपने स्नेह और सम्मान को व्यक्त करते हुए कई आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं।

कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा ‘गोल्डन बॉन्डस’ थीम के तहत ‘तुझ में रब दिखता है’ गीत पर मनमोहक प्रस्तुति से हुई, जिसने समस्त दादा-दादी और नाना-नानी को भाव-विभोर कर दिया।

इसके बाद ‘लघुनाटिका’ के माध्यम से नन्हें छात्रों ने अपने ग्रैंड पैरेंट्स के प्रति अपने गहरे प्रेम और आदर को व्यक्त किया। इनके अभिनय ने सभी उपस्थित जनों का दिल जीत लिया।

‘कस्ट्यूम कार्निवल’ के तहत छात्रों हैं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता हुई जहाँ नन्हें बच्चों ने लक्ष्मीबाई, विवेकानंद, हनुमान, पॉप कॉर्न, एस्ट्रोनट, आर्मी मैन, देवी गंगा, नरेन्द्र मोदी, चाचा चौधरी, बिरसा मुंडा आदि चरित्रों को परिधान की साज-सज्जा से जीवंत कर दिया। इस अवसर पर इनकी संवाद अदायगी देखते बनती थी।


इस प्रतियोगिता में एस्ट्रोनट बनी हुई अमीरा अदस, देवी गंगा बनी हुई शिवान्या प्रकाश और फ्रेंस फ्राई बना हुआ अद्विक शर्मा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया।

नव वर्ष के आगमन के सुअवसर पर नौनिहालों ने सेंटा क्लाज की टोपी पहने क्रिसमस कैरोल की धुन पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर सभी गणमान्य को झूमने पर मज़बूर कर दिया।

प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने ग्रैंड पैरेंट्स के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों के शिक्षा-संस्कार और प्यार-दुलार में दादा-दादी व नाना-नानी का कोई विकल्प नहीं है। ये बुजुर्ग हमारे समाज की जड़ें हैं, जिनसे हमें जीवन जीने का सलीका और अनुभवों की सीख मिलती है। उनका स्नेह और मार्गदर्शन हमारे जीवन का अमूल्य हिस्सा है। विद्यालय में ऐसे आयोजनों से बच्चों में अपने बुजुर्गों के प्रति आदर और सम्मान की भावना जागृत होती है।

विशेष अतिथियों ने भी विद्यालय प्रबंधन का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग घर की छत की तरह होते हैं जहाँ परिवार रूपी पौधा पुष्पित और पल्ल्वित होकर वृक्ष बनता है। ज़िंदगी की इस आपा-धापी में बच्चों के सुन्दर कार्यक्रम ने हमें कुछ क्षणों के लिए स्ट्रेस फ्री कर दिया। हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमें इस विद्यालय से जोड़ा।

वहीं बच्चों के दादा-दादी और नाना-नानी भी भाव-विभोर नज़र आए। उन्होनें कहा कि बच्चों का प्यार हमारे लिए अनमोल है। इस विद्यालय में मैं पढ़ा, मेरे बच्चे पढ़े और अब मेरे पोते-पोती पढ़ रहे हैं। यह विद्यालय हमारे लिए किसी सत्संग से कम नहीं है जहाँ संस्कार युक्त उत्तम शिक्षा की सरिता निर्बाध बहती रहती है। आज के कार्यक्रम ने हमें बचपन की याद दिला दी।

इस आयोजन के दौरान उप प्राचार्य श्री बी एन झा , श्री संजय कुमार, प्रभाग प्रभारी श्रीमती अनुपमा श्रीवास्तव, श्री शीलेश्वर झा ‘सुशील’, श्री दीपक सिन्हा, श्रीमती ममता दास, छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष श्री अमित रॉय, विद्यालय नोडल प्रशिक्षण पदाधिकारी श्री एल एन पटनायक, वरीय शिक्षक डॉ मोती प्रसाद समेट पूर्व प्राथमिक कक्षा के तमाम शिक्षक – शिक्षिकाएँ तथा बुजुर्ग अभिभावक गण उपस्थित रहे।

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