सरकार सुनिए सरकारी योजना में लूट मची है। एक नज़र इधर भी देखिए।
संदीप चिक बड़ाईक
गुमला :- चैनपुर प्रखंड कभी नक्सली गतिविधि के कारण में देश के मानचित्र में रहने वाला यह क्षेत्र आज भी विकास की बाट जोह रहा है। हालांकि नक्सली गतिविधियां तो कम हुई लेकिन सरकारी कर्मियों के आचरण में तनिक भी सुधार न आया। प्रखंड मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेंदोरा पंचायत में ग्राम हर्रा है। जहाँ सरकारी योजनाओं का आकाल है। 3 वर्ष वर्ष पूर्व यहां पर मनरेगा से सिरोमइन राम, रामदेव चिक बड़ाइक,को कुआं मिला था। इन सभी व्यक्तियों का कुआं आज तक पूरा नहीं हुआ सरकारी कर्मी एवं दलालों ने मिलकर सरकारी राशि का बंदर बाट कर दिया, सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में इन सभी लाभुको ने मेहनत करके खुद से कुआं को खोदा मगर मजदूरी भुगतान नहीं हुआ। 3 वर्ष से कुआं अभी तक अर्ध निर्मित स्थिति में मौजूद है लाभुक अपने पैसे से कुआं को पाटने का कोशिश में लगे हुए हैं। कुआं अत्यधिक बारिश होने के कारण में धंस रहा है। जिसे खोजने वाला कोई नहीं है किसान आज भी यही उम्मीद लगाए हुए हैं। कि हमारा कुआं बनेगा जिससे सिंचाई कर खेती बाड़ी कर आत्मनिर्भर बनेंगे मगर सरकारी कर्मियों एवं बिचौलियों ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है। हर्रा राजस्व ग्राम की तीन टोली अम्बा कोना, कसीरा, सदान कसीरा में 585 मतदाता है। एवं लगभग 120 घर है। आबादी लगभग आठ सौ है दुर्भाग्य की बात यह है कि इस गांव में एक भी पीएम आवास नहीं मिला है राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना से सिर्फ दो ही लोगों को आवास मिला है बाकी घर सिर्फ आपको मिट्टी के घर मिलेंगे। इस बस्ती में पेयजल की भी काफी दिक्कतें हैं। पंचायती राज व्यवस्था गांव को सुदृढ़ करने के लिए बना था मगर यह अब लूट का एक सुलभ साधन बन गया है। किसान प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा लगा के थक चुके हैं उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।जिला मुख्यालय से दूर होने एवं जंगली क्षेत्र होने के कारण से लोग जिला तक नहीं पहुंच पाते हैं जिसका फायदा बिचौलिया उठाने में कामयाब है।