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Monday, December 23, 2024
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माओवादी अपनी वजूद दिखाने के लिए बंदी कर रही हैं लेकिन..

Shahid KKhan/Police Public Reporter

झारखंड के पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक के नेतृत्व में संयुक्त सुरक्षा बलों द्वारा भाकपा (माओवादी) नक्सली संगठनों के विरुद्ध चौतरफा कार्रवाई जारी है। संयुक्त सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण नक्सली संगठन अब राज्य के कुछ हिस्सों तक ही सीमित रह गए हैं। खुफिया जानकारी के माध्यम से खबर मिली है कि भाकपा माओवादी नक्सली संगठन कामरेड चारू मजूमदार एवं कन्हाई चटर्जी के शहादत दिवस के अवसर पर 28 जुलाई 2024 से 3 अगस्त 2024 तक एक सप्ताह का शहादत सप्ताह मना रहे हैं तथा नक्सलियों द्वारा पोस्टर एवं पर्चा छपवाकर दहशत फैलाने का प्रयास किया गया है।

इस दौरान नक्सली सरकारी संपत्ति, सड़क एवं रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं। नक्सली अब कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित रह गए हैं, जिसमें सारंडा, कोल्हान, सरायकेला, लातेहार, चतरा गया सीमा एवं चाईबासा के पारसनाथ में संयुक्त सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। नक्सली खासकर रेलवे एवं सड़क पर छोटी-मोटी घटनाएं कर अपना अस्तित्व बचाने का प्रयास कर रहे हैं।  पुलिस मुख्यालय द्वारा आमजन की सुरक्षा, सरकारी संपत्ति की सुरक्षा, सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा तथा ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त संख्या में संयुक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।

झारखंड पुलिस नक्सलियों के एक सप्ताह के बंदी को विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार है, इसी क्रम में चाईबासा के कोल्हान सारंडा क्षेत्र में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से आईईडी तथा नक्सली पोस्टर बरामद किए गए हैं। इस दौरान भी चाईबासा के टोंटो थाना अंतर्गत तुम्बाहाटा क्षेत्र में 5 किलो आईईडी बरामद कर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के नापाक मंसूबों को विफल किया गया। नक्सलियों द्वारा खुद को बचाने के लिए लगाए गए विस्फोटकों से बड़ी संख्या में ग्रामीण नुकसान पहुंचाते हैं। दिन-प्रतिदिन नक्सलियों का समर्थन आधार कम होता जा रहा है तथा उनकी हताशा सामने आ रही है तथा वे अपना अस्तित्व बचाने में लगे हैं। नक्सलियों का उद्देश्य अब केवल लेवी वसूली रह गया है।

25 जुलाई को SAT सदस्य और हार्डकोर नक्सली विवेक की पत्नी जया उर्फ ​​चिंता की गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों द्वारा बंद बुलाया गया था, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। हाल के दिनों में पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण कई कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है या पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं। सभी बचे हुए नक्सलियों से अनुरोध है कि वे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में लौट आएं।

ये सभी जानकारिया पुलिस मुख्यालय के आई जी होमकर अमोल विणुकांत ने प्रेस को संबोधित करते हुए दी

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