फिलिस्तीन पीड़ितों के प्रति अपने नाटक के माध्यम से मार्मिक प्रदर्शन के लिए सिटी पब्लिक स्कूल सम्मानित
आपके सपनों के साथ परिवार व समाज के सपने भी पलते हैं : जुनैद अनवर
इल्म सिर्फ़ हम किताबों से ही हासिल नही करते बल्कि हमारे तजुर्बों से भी हासिल होता है : गयासुद्दीन मुन्ना
राँची : मौलाना आजाद ह्यूमेन इनिशिएटिव (माही) के अंतर्गत
हिंदपीड़ी स्थित सिटी पब्लिक स्कूल में एक पुरूष्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वैसे छात्र-छात्राओं को पुरष्कृत किया गया जिन्होंने 11 नवंबर को कडरू स्थित माही द्वारा हज हाउस में शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मेले में हिस्सा लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर स्कूल के निदेशक मसूद कच्छी को मेले से संबंधित मेमोरी फ़ोटो एवं स्कूल पार्टिसिपेशन अवार्ड से नवाजा गया एवं मेले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल एवं सर्टिफिकेट प्रदान किये गए।
इस अवसर पर माही के संरक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता जुनैद अनवर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के हर मोड़ पर हमें कई बार मुश्किलों से गुजरना पड़ता है, लेकिन सच्ची सफलता वहां तक जाती है जहां हम अपनी हार-जीत, संघर्षों, और असफलताओं के बावजूद भी अपने सपनों का पीछा करते हैं। यह संघर्षों से लड़ने की क्षमता ही है जो हमें आगे बढ़ने की ताकत प्रदान करती है एवं लक्ष्यों तक पहुँचाती है। जब आप स्कूल आते हैं तो आपके साथ अभिभावकों, परिवारों और समाज के सपने भी साथ आते हैं जिसे साकार करने की जिम्मेदारी भी आप पर होती है। आपको विभिन्न भटकावों से बचना है और लक्ष्यों की तरफ केन्द्रित होना है,तभी सफलता मिलेगी। बहुत से लोग अपने सपनों को छोड़ देते हैं क्योंकि वे उनकी मान्यताओं, सामाजिक दबावों, या असफल प्रयासों के कारण हार मान लेते हैं। लेकिन सफलता वहां नहीं मिलती जहां हार मानी जाती है, बल्कि वहां मिलती है जहां हार से सीखा जाता है और फिर नए उत्साह से सपनों की ओर बढ़ते हैं।
इस अवसर पर माही के कोषाध्यक्ष गयासुद्दीन मुन्ना ने कहा कि विश्वास और आत्मविश्वास की क्या महत्ता है? यह दोनों ही हमारे सपनों को साकार करने की शक्ति होती हैं। जब हम अपने आत्मा के विश्वास के साथ कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो हमारी सामर्थ्य में एक नई ऊर्जा उत्पन्न होती है। तालीम हमारे ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। यह हमें न सिर्फ इल्म देती है, बल्कि हमारी सोच को बदलती है और हमें वो समझदारी देती है जो हमें ज़िंदगी में क़ामयाबी की ओर ले जाती है। जब हम इल्म हासिल करते हैं, तो हमें नये और बेहतर सोचने की ताक़त मिलती है, जिससे तमामतर मुसीबतों को हम हल करते हुए अपने लक्ष्यों की ओर मेहनत करने का जज्बा पाते हैं। इल्म सिर्फ़ हम किताबों से ही हासिल नही करते बल्कि हमारे तजुर्बों से भी हासिल होता है। आप सभी को तज़ुर्बेकार टीचर्स मिले हैं जिनके तजुर्बे से हमारी सोच में नयी दिशा और दृष्टिकोण आता है।
बच्चों को संबोधित करते हुए माही के शिक्षा संयोजक सरवर इमाम खान ने कहा कि ये भविष्य निर्माण का समय है आपको सोशल मीडिया एवं मोबाईल से दूरी बनाकर चलना है। उन्होंने शिवखेड़ा के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि जीतने वाले कोई नया काम नही करते बल्कि उन कामों को नए तरीके से करते हैं। हमे पढ़ने के प्रति शौक़ को जागृत करने की जरूरत है तभी हम अपने लक्ष्यों के अनुसार समाज मे अपनी भूमिका सुनिश्चित कर पायेंगे।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए स्कूल के निदेशक मसूद कच्छी ने कहा कि माही समाज मे शिक्षा के प्रति निर्णायक भूमिका निभा रहा है, माही के प्रयास से वैसे बच्चें भी शिक्षित हो रहे हैं जो संसाधनों के संकट में फँसकर स्कूल छोड़ चुके थे। माही के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा के प्रति कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल शिक्षक के प्रति इनमें रूचि जगाया बल्कि आर्थिक समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें फिरसे स्कूल से जोड़ने कक काम किया। हम दिल से इस प्रयास को धन्यवाद करते हैं।
मंच का संचालन माही के प्रवक्ता मुस्तक़ीम आलम ने किया।
इस अवसर पर माही के उपाध्यक्ष हाजी नवाब,मोहम्मद शकील,मोहम्मद सलाहउद्दीन के अलावा स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकायें सुम्बुल परवीन,सबा आफरीन, खतीजा परवीन,आसिफ जिया एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थी।