26.1 C
Ranchi
Thursday, September 19, 2024
spot_img

‘डो-रे-मी’ नन्हें छात्रों में कौशल और ज्ञान की श्रृंखला को विकसित करने का महत्त्वपूर्ण कदम


सांस्कृतिक कार्यक्रम नन्हें बच्चों के मानसिक विकास और उनमें समाज दायित्वों का बोध कराने के लिए आवश्यक है जिससे समाज और देश के विकास को गति मिलती है। इस उद्देश्य को समर्पित जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के प्री-प्राइमरी कक्षाओं द्वारा डो-रे-मी (Do-Re-me) कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मुख्य अतिथि मेकॉन लिमिटेड के वाणिज्य निदेशक श्री संजय कुमार वर्मा, फिरायालाल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री नीरज कुमार सिन्हा व श्रीमती नीना सिन्हा एवं प्राचार्य श्री समरजीत जाना व श्रीमती विदिशा जाना के कर-कमलों द्वारा सामूहिक रूप से हुआ।
अतिथियों के स्वागत में नन्हे -मुन्हों ने संस्कृत में स्वागत गीत ‘प्रणति भावैर्व्याह रामः स्वागतम् शुभवंदनम् …. ‘ गीत प्रस्तुत कर अपनी छोटी उम्र से ही संस्कृत बोलने का सुंदर प्रयास किया जिसकी सरलता, सहजता और तोतलापन मन मोहती थी।
वर्णमाला एवं संख्याओं पर आधारित नर्सरी के 64 बच्चों द्वारा प्रस्तुत अनोखे नृत्य ने दर्शकों को जीवन के ककहरे से रु-ब-रु कराया वहीं प्रेप के नौनिहालों ने अनुपयोगी चीजों का अति उत्तम उपयोग दिखाकर अखबार, मच्छरदानी, नारियल के छिलके, गिलास, पुआल, सीडी, बड़े पत्ते, कागज के डिब्बे एवं पैकेट से बने अति सुंदर परिधान में फैशन शो कर पुनर्चक्रण (रीसाईकलिंग) के महत्त्व को प्रतिपादित किया और इसके द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ और हराभरा बनाने और संरक्षित करने की अपील की।
बच्चों में अति लोकप्रिय परी कथा ‘स्नो ह्वाइट एंड सेबन ड्वार्फ’ का दूसरी कक्षा के बच्चों द्वारा मंचन और छात्र ‘दीछेन तमांग’ द्वारा सिंथेसाइजर की मधुर ध्वनि-प्रस्तुति ने दर्शकों को आनंद विभोर कर दिया।
पुराने गाने’हम काले हैं तो क्या हुआ… रे मामा रे … इचक दाना बिचक दाना … आदि पर आधारित नृत्य ने पुरानी पीढ़ी को नई पीढ़ी से जोड़ने की जीवंत कोशिश की। इस नृत्य ने दर्शकों को तालियाँ बजाने और झूमने पर मजबूर कर दिया।
वहीं पहली कक्षा के नन्हें-मुन्हों ने क्रिसमस कैरोल पर नृत्य कर महात्मा यीशु का स्वर्णिम संदेश और क्रिसमस की बधाइयाँ दी।
मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार वर्मा ने अपने संभाषण में छोटे छात्रों की प्रतिभा, ऊर्जा एवं उत्साह को नमन किया और अभिभावकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि बच्चों के ये जीवंत कार्यक्रम हम सबको आगे आने के लिए प्रेरित करती है। हमारा समाज शिक्षा के बिना अधूरा है इसलिए बच्चों को उन्नत शिक्षा मिले इसके लिए समाज के हर सम्पन्न व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा। तभी देश का भविष्य शिक्षित समाज के हाथों में सुरक्षित रहेगी।
प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने कहा कि ‘डो-रे-मी’ जे०वी०एम० की शिक्षा का पूर्ण हिस्सा है जो नन्हें छात्रों को खुद को अभिव्यक्त करने, अपने मे आत्मविश्वास जगाने और सामाजिक कौशल विकसित करने के अवसर प्रदान करती है। यह पाठ्येतर गतिविधि छात्रों को विभिन्न संदर्भों में कौशल और ज्ञान की एक श्रृंखला विकसित करने में मदद करती हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें अपने बारे में सीखने की अनुमति और कला-प्रतिभा को आगे लाने में मदद करती है। इस दृष्टिकोण से कार्यक्रम में सम्मिलित 270 छात्र निःसंदेह तारीफ के काबिल हैं।


समारोह का समापन उप्राचार्य श्री संजय कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
इस मौके विद्यालय के उप प्राचार्य श्री एस के झा, श्री बी एन झा, श्री संजय कुमार, प्रभाग प्रभारी श्रीमती अनुपमा श्रीवास्तव, श्री एस झा सुशील, सुश्री मीनू दासगुप्ता छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष श्री अमित रॉय, कार्यक्रम समन्वयिका श्रीमती सुष्मिता मिश्रा व डॉ० मोती प्रसाद समेत सभी शिक्षक- शिक्षिकाएँ मौजूद थे।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

899FansLike
1,500FollowersFollow
568SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles