सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत राय सहारा नहीं रहे. 75 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मंगलवार की रात 10.30 बजे सुब्रत राय ने अंतिम सांस ली. उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था.सहारा सेबी विवाद में वो बेल पर जेल से बाहर थे. सहारा से मिली जानकारी में बताया गया है कि सुब्रत राय को मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी थी. यानी कैंसर जो शरीर के कई हिस्सों में फैल गया था.
मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी एक गंभीर स्थिति है जिसमें कैंसर कोशिकाएं अपने मूल स्थान से शरीर के अन्य भागों में फैल जाती हैं। यह रक्तप्रवाह या आस-पास के ऊतकों के प्रत्यक्ष आक्रमण के माध्यम से हो सकता है. एक बार कैंसर कोशिकाओं का प्रसार हो जाने के बाद, वे प्रभावित अंगों में नए ट्यूमर बना सकती हैं, जिससे विभिन्न लक्षण और जटिलताएं हो सकती हैं।
मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण है. यह अनुमान लगाया गया है कि कैंसर से होने वाली लगभग 90% मौतें मेटास्टेसिस के कारण होती हैं. मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी का इलाज कैंसर के प्रकार, फैलने की सीमा और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है.
शरीर के कई हिस्सों में फैलने के बाद इलाज मुश्किल होता है. डॉक्टर आम तौर पर बीमारी के साइड इफेक्ट को रोकने की कोशिश करते हैं.