राज्य भर के 30 हजार से अधिक ग्राम सभाओं ने जल, जंगल और जमीन और इसके संसाधनों की रक्षा हेतु ली शपथ
रांची
महात्मा गाँधी की जयन्ती के पावन अवसर पर राज्य के 30 हजार से अधिक ग्राम सभाओं ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 के द्वारा दिए गए अधिकार का उपयोग करते हुए ग्राम-स्तर पर वनाधिकार समिति का गठन / पुनर्गठन करने तथा वन पर निर्भर लोगों और समुदायों को वनाधिकार पट्टा दिये जाने हेतु उनके दावा पर नियम के अनुसार अनुशंसा करने एवं जल, जंगल और जमीन तथा इसके संसाधनों की रक्षा के लिए समर्पित और संगठित प्रयास करने हेतु शपथ लिया। इस शपथ ग्रहण के साथ ही मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा वनाधिकार हेतु प्रस्तावित अबुआ बीर दिशोम अभियान, 2023 ( वन अधिकार अभियान, 2023 ) के क्रियान्वयन तथा वन अधिकार समिति, अनुमण्डलीय स्तरीय वनाधिकार समिति एवं जिला स्तरीय वनाधिकार समिति का पुनर्गठन कार्य का शुभारम्भ भी हो गया।
अब आगे क्या
इस शपथ ग्रहण के बाद ग्राम स्तर पर वनाधिकार समिति का गठन / पुनर्गठन का कार्य 3 से 18 अक्टूबर के मध्य पूरा कर लिया सुनिश्चित किया जाएगा। इस बीच वनाधिकार समिति के गठन के लिए जिला के सभी गाँवों में ग्राम सभा के आयोजन हेतु ग्रामवार योजना तथा प्रत्येक ग्राम सभा की कार्रवाई उपायुक्त द्वारा नियुक्त प्रेक्षक की उपस्थिति में सुनिश्चित किया जाएगा। जिला के उपायुक्त अपने-अपने जिला में अक्टूबर के प्रथम एवं द्वितीय सप्ताह में जिलास्तरीय वन प्रमण्डल पदाधिकारी तथा राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक ग्रामस्तरीय वनाधिकार समिति में की जाने वाली कार्रवाई हेतु सभी प्रकार के भू-अभिलेख, फॉरेस्ट मैप, आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु पूरी कार्य योजना तैयार करना सुनिश्चित करेंगे। उपायुक्त 19 अक्टूबर को एक विस्तृत प्रतिवेदन आदिवासी कल्याण आयुक्त को भेजेंगे ताकि मुख्य सचिव को कार्य प्रगति से अवगत कराया जा सके।
ये कार्य भी होगा
जिलास्तर पर अनुमण्डल स्तर पर एवं प्रखण्ड एफआरसी सेल का गठन सुनिश्चित किया जाएगा।ग्रामस्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा प्रस्तुत दावों पर ग्राम सभा द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में एसडीएलसी को अनुशंसित दावों की एक प्रति प्रखण्डस्तरीय एफआरए सेल में संधारित किया जाएगा। अनुमण्डल स्तर की सभी कार्यवाही अनुमण्डल स्तरीय एफआरए सेल में संधारित रहना अनिवार्य होगा। जिलास्तरीय एफआरए सेल में जिलास्तरीय की जानेवाली सभी कार्यवाही समेत अन्य कार्य होंगे।