2 लाख B.ed, DLED अभ्यर्थी झारखंड शिक्षक भर्ती से रहेंगे वंचित

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Ranchi/Jharkhand

जिन अभ्यर्थियों ने झारखंड और राज्य के बाहर से बीएड – डीएलएड किए है करीब 2 लाख से अधिक छात्र – छात्राओं को सहायक आचार्यों की भर्ती में शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा।

झारखंड और राज्य के बाहर से बीएड – डीएलएड करने वाले करीब 2 लाख से अधिक छात्र – छात्राओं को सहायक आचार्यों की नियुक्ति में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। ये अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकेंगे। ये वैसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने 2016 के बाद B.ed व DLED की डिग्री प्राप्त की है। इन अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) आयोजित नहीं की गई , जिससे नई नियुक्ति प्रक्रिया नियमवाली के हिसाब से ये नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने के योग्य नहीं है। ऐसे में B.ed डिग्री धारी छात्र – छात्राएं न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे है।

झारखंड में 135 B.ed कॉलेज है

झारखंड में बीएड कॉलेजों की संख्या 135 है, जिसमे हर साल 100 स्टूडेंट का नामांकन होता है। ऐसे में हर साल 13 हजार से अधिक छात्र – छात्राएं इन कॉलेज से पास होकर निकलते हैं।
झारखंड में पिछले छह साल में ही 75 हजार से ज्यादा छात्र – छात्राओं ने बीएड की डिग्री ले ली है। जबकि हर साल बड़ी संख्या में राज्य के बाहर भी स्टूडेंट बीएड की पढ़ाई के लिए जाते हैं। जिसके अनुमानुसार ऐसे स्टूडेंट की भी संख्या 75 हजार से अधिक होगी। इसके अलावा डीएलएड का कोर्स भी राज्य के संस्थानों में होता है। वहीं , केंद्र व राज्य सरकार भी 2017-19 के बीच में कार्यरत सभी शिक्षकों को डीएलएड से प्रशिक्षित कर चुकी है। ऐसे अभ्यर्थी जो वर्तमान में कार्यरत हैं वे भी इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे।

सीटेट को मान्यता नहीं दी गई है

सहायक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया में सीटेट वालों को मौका नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में इन अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने जब जेटेट का आयोजन नहीं किया तो अभ्यर्थियों ने सीटेट क्वालिफाइ किया। ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हें मौका मिलना चाहिए। सीटेट की मान्यता जब पूरे देश में है तो झारखंड की नियुक्ति प्रक्रिया से उन अभ्यर्थियों को क्यों वंचित किया जा रहा है।

7 वर्ष से कोई जेटेट की परीक्षा नहीं हुई

झारखंड में 7 वर्षों से जेटेट का आयोजन नहीं झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा ( जेटेट ) का आयोजन सात साल से नहीं हुआ है। सरकार ने हर साल जेटेट लेने का निर्णय लिया था। राज्य में पहली बार 2012-13 में , जबकि दूसरी बार 2016 में इसका आयोजन किया गया। वर्तमान नियुक्ति में 2016 में जेटेट करने वाले अभ्यर्थियों को मौका मिल रहा है।

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