- भारत का चंद्रयान-3 आज जब इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हो रहा है तो झारखंड की तीन प्रसिद्ध कंपनियों के लिए भी यह गर्व का क्षण होगा क्योंकि जिस एसएलपी (सेकेंड लांचिंग पैड) से लॉन्चिंग होगी, उसका निर्माण रांची स्थित एचईसी और सरायकेला स्थित टाटा ग्रोथ शॉप में के द्वारा किया गया है। जबकि, इसकी डिजायनिंग रांची स्थित भारत सरकार की इंजीनियरिंग कंसल्टेंट कंपनी मेकॉन के द्वारा किया गया है।
सेकेंड लॉन्चिंग पैड 84 मीटर ऊंचा
एसएलपी यानी सेंकेंड लॉन्चिंग पैड 84 मीटर ऊंचा है। भारत के चंद्रयान मिशन में पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस एसएलपी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके पहले श्रीहरिकोटा में जो पुराना लॉन्चिंग पैड है, उसे आधुनिक उपग्रहों के लिए उपयुक्त नहीं माना जा रहा था।
इसरो ने जब एसएलपी की जरूरत महसूस की तो इसके लिए रांची स्थित मेकॉन और एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) को वर्क ऑर्डर दिया गया। इसका ड्राइंग-डिजाइन मेकॉन लिमिटेड के इंजीनियरों ने तैयार किया।
रांची से हैं खास रिश्ता
रांची में 1959 में स्थापित किया गया मेकॉन (मेटलर्जिकल एंड इंजीनियरिंग कन्सल्टेंट) भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसने पिछले छह दशकों में देश में इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी और रिसर्च में कई रिकॉर्ड बनाए हैं।
एचईसी मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में विख्यात
एचईसी भारत में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में विख्यात रहा है। 1958 में स्थापित इस संस्थान ने भारत के रक्षा मंत्रालय, सेना, रेलवे सहित कई सार्वजनिक और निजी उपक्रमों के लिए अनगिनत मशीनें बनाई हैं। इसरो के एसएलपी के बोगी सिस्टम के लिए विशेष स्टील और कई उपकरणों का निर्माण सरायकेला के गम्हरिया स्थित टाटा ग्रोथ शॉप में किया गया है।
मिशन सफल हुआ तो भारत चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बनने का गौरव प्राप्त करेगा।