- देखिए इससे पहले कब हुआ था झारखंड में अल्पसंखयक आयोग का गठन।
- कौन थे अल्पसंखयक आयोग के अध्यक्ष
- किसकी सरकार में था अल्पसंखयक आयोग
RANCHI
झारखंड में कई बोर्ड-निगम के गठन के बाद भी अब तक अल्पसंख्यक आयोग, वक्फ बोर्ड व अन्य का गठन नहीं किया जा सका है, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों के कई योजनाओं पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा पा रहा है। इसी को लेकर झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस विधायक दल के नेता व झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिले। झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के दौरान विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में भेंट-वार्त्ता के क्रम में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से उन्होंने राज्य में अल्पसंख्यक आयोग एवं वक्फ बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आग्रह किया। झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर एवं मंत्री आलमगीर आलम ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में अल्पसंख्यकों के समुचित विकास के लिए अल्पसंख्यक आयोग एवं वक्फ बोर्ड का गठन होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को राज्य सरकार से काफी उम्मीद और अपेक्षाएं हैं। मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग एवं वक्फ बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का भरोसा उन्हें दिया है।
अंतिम अल्पसंख्यक आयोग का गठन कब हुआ था
आपको बता दें कि पिछली सरकार भाजपा सरकार में अल्पसंख्यक आयोग का गठन हुआ था जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय की बहुत सारी समस्याओं पर काम किया गया था, पिछले अल्पसंख्यक आयोग में भाजपा वरिष्ठ नेता कमाल खान आयोग के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पुरा किए थे, इनका कार्यकाल यूपीए अथवा झामुमो सरकार में भी कुछ समय तक था जब तक कार्यकाल का समय बचा हुआ था। कार्यकाल समाप्ति के बाद कई साल गुजर जाने के बाद भी यूपीए सरकार अथवा india सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का गठन नहीं किया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है और अल्पसंख्यक समुदाय को निराश करने वाला है जिसके वजह से कांग्रेस ने सीएम से इसके गठन की बात आज की है, अब देखना है कि इसपर अमलीजामा कब तक पहनाया जाता है…!