प्रस्तुत : शाहिद ख़ान
पीपीआर लाइव इंडिया डेस्क
शिक्षा कहा से हुई
हेमंत सोरेन की शुरुआती शिक्षा बोकारो सेक्टर-4 स्थित सेंट्रल स्कूल से हुई। स्कूल में दोस्तों के बीच वह अपने ग्रुप के लीडर हुआ करते थे। 1989 में हेमंत सोरेन ने पटना के एमजी हाइ स्कूल में 10वीं कक्षा में दाखिला लिया। पटना से ही उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की। 1990 में उन्होंने बोर्ड की परीक्षा पास की। इसके बाद पटना विश्वविद्यालय से ही आइएससी 1994 में किया। इसके बाद हेमंत ने बीआइटी मेसरा में इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। हेमंत सोरेन, इंजीनियरिंग ड्राप आउट स्टूडेंट हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि, हेमंत सोरेन अपनी इच्छा नहीं, बल्कि परिस्थितिवश राजनीति में आए हैं।
राजनितिक सफर की शुरुवात
2003 में हेमंत सोरेन ने छात्र राजनीति में कदम रखा। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। वे झारखंड छात्र मोर्चा के अध्यक्ष बने। इसके बाद पहली बार उन्होंने 2005 में दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन स्टीफन मरांडी से हार गये। इसके बाद पहली बार 23 दिसंबर 2009 को दुमका से वर्तमान विधानसभा के लिए विधायक चुने गए थे।
राजनीति में अपनी इक्षा से नही परिस्थिति की वजह से आए
जी हा ये बात सही है कि हेमंत सोरेन अपनी इच्छा से राजनितिक क्षेत्र में नहीं आए, बल्कि परिस्थिति कुछ ऐसी बन गई थी कि इन्हे राजनीति में आना पड़ा।
दरअसल, हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की अचानक मृत्यु हो गई थी और पिता शिबू सोरेन का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा था। इस वजह से हेमंत सोरेन की राजनीति में इंट्री हुई। हेमंत सोरेन साल 2009 में ही संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए लेकिन जनवरी 2010 में उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य की अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम बन गए। इसके बाद साल 2013 में पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन उनका कार्यकाल दिसंबर 2014 तक ही चला। जिसके बाद हेमंत सोरेन ने बीते पांच सालों में पार्टी के अंदर अपनी पकड़ बनाई और वह दूसरी बार 29 दिसंबर, 2019 को राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री के तौर पर झारखंड के मुख्यमंत्री बने और अभी तक वह राज्य का कमान संभाल रहे हैं।
संगीत सुनना और गाड़ी ड्राइव करना बेहद पसंद है
हेमंत सोरेन को गाना सुनना पसंद है। जब भी लौंग ड्राइव पर जाते तो गाना सुनना न भुलते थे। हेमंत को गाड़ियों का भी शौक है। इसके लिए वह खुद मेहनत करते हैं। मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए भी हेमंत सोरेन अकसर खुद ही ड्राइव कर प्रोजेक्ट भवन जाया करते थे।
अपने पिता जेएमएम सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ
पत्नी के साथ एक खूबसूरत तस्वीर
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