रांची : झारखंड में पिछले 24 घंटों में मानसून कमजोर रहा है. इस दौरान कुछेक स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई है. राज्य से मानसून की बेरुखी का असर यह है कि 24 जुलाई तक राज्य में 434.7MM की जगह मात्र 236.3MM वर्षा हुई है, जो सामान्य से 46% कम है. पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक वर्षा 36MM बोकारो में रिकॉर्ड किया गया है जबकि अधिकतम तापमान 36.2℃ गोड्डा का रहा है. राज्य में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण 12.79% ही धनरोपनी हो पाई है._
मौसम केंद्र के प्रभारी निदेशक ने क्या कहा :
रांची मौसम केंद्र के प्रभारी निदेशक अभिषेक आनंद ने ताजा मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि अभी मानसूनी टर्फ लाइन झारखंड के दक्षिण में ओडिशा के ऊपर से गुजर रही है. इसी वजह से झारखंड में मानसून की स्थिति अभी कमजोर है. अभिषेक आनंद ने बताया कि पश्चिमी मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, जो 25 जुलाई को लो प्रेशर में तब्दील होगा. इसके प्रभाव से 28 जुलाई से राज्य में अच्छी मानसूनी वर्षा की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि 24, 25, 26 और 27 जुलाई को राज्य में कुछ स्थानों पर और 28 जुलाई को कई स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है._
28 जुलाई से मानसूनी गतिविधियों में तेजी :
रांची मौसम केंद्र ने 26 से 28 जुलाई तक गर्जन और वज्रपात की संभावना जताते हुए चेतावनी जारी की. इस दौरान बताय कि दक्षिणी और मध्य झारखंड में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी. वहीं राज्य के शेष भाग में हल्की वर्षा होने की बात कही._ मौसम केंद्र के अनुसार 28 जुलाई से एक बार फिर मानसूनी गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है.
24 में से 21 जिलों में सामान्य से कम वर्षा : मौसम केंद्र के अनुसार राज्य में 24 में से सिर्फ तीन जिले गोड्डा, सिमडेगा और साहिबगंज में सामान्य वर्षा हुई है. जबकि रांची सहित बाकी के 21 जिलों में सामान्य से कम वर्षा रिकॉर्ड किया गया है. ऐसे 09 जिले हैं जहां वर्षापात की कमी 50% से भी अधिक है. अर्थात इन जिलों में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. जिनका क्रम निम्न है.
चतरा(-76%)
धनबाद(-66%)
गिरिडीह(-67%)
हजारीबाग(-55%)
जामताड़ा(-68%)
कोडरमा(-55%)
लातेहार(-58%)
लोहरदगा(-61%)
सरायकेला खरसावां(-52%)
जुलाई महीने में सामान्य से 62% कम बारिश :
कृषि निदेशालय से मिले 24 जुलाई तक के आकंड़ों के अनुसार राज्य में जुलाई महीने में 319.4 MM वर्षा की जगह मात्र 122.3 MM वर्षा हुई है, जो सिर्फ 38.28% है. यानी जुलाई महीने में सामान्य से लगभग 61.72% कम बारिश हुई है. जुलाई महीने में बेहद कम वर्षापात का प्रभाव खेती पर साफ दिख रहा है. राज्य में 18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धानरोपनी का लक्ष्य निर्धारित है. जिसमें से 24 जुलाई तक महज 02 लाख 30 हजार 143 हेक्टेयर(12.79%) में ही धान का आच्छादन हुआ है._
कम बारिश की वजह से ये फसलें हुईं प्रभावित: कम बारिश की वजह से झारखंड में इन फसलों की स्थिति अच्छी नहीं रही. सामान्य से कम वर्षा का असर इन फसलों पर पड़ा है. इन फसलों पर किताना प्रभाव पड़ा है, इसका डिटेल्स निम्न है.
मक्का के फसल भी लक्षित 03 लाख 12 हजार 560 हेक्टयर की जगह सिर्फ 01 लाख 52 हजार 425 हेक्टेयर क्षेत्र (48.77%) में लगा है.
दलहन की बात करें तो राज्य में इस वर्ष 06 लाख 12 हजार 900 हेक्टेयर जमीन पर दाल की फसल लगाने का लक्ष्य था, जिसमें से 01 लाख 42 हजार 361 हेक्टेयर(23.23%)में ही दलहन की फसल लगाई जा सकी है.
राज्य में इस वर्ष तिलहन के लिए 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से महज 14 हजार 68 हेक्टेयर(23.45%)में ही तिलहन की फसल लगाई जा सकी है.
कम वर्षा की वजह से राज्य में कुल 28 लाख 27 हजार 460 हेक्टेयर में 05 लाख 49 हजार 228 हेक्टेयर(19.42%) आच्छादन हो पाया है.